अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
कॉलेजियम मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार ने पिछले तीन सालों के दौरान कॉलेजियम के 18 प्रस्तावों को वापस कर दिया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी तक छह प्रस्तावों को फिर से भेजा। पिछले कुछ हफ्तों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के मुद्दे पर कानून मंत्रालय और न्यायपालिका के बीच विवाद जैसी स्थिति बनी रही है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में एक और सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सात जजों के लिए वैकेंसी थी और एससीसी ने हाल ही में 34-न्यायाधीशों की पीठ में सभी वैकेंसीज को भरने की सिफारिशें की थीं। हाई कोर्ट में नियुक्तियों पर रिजिजू के लिखित जवाब में कहा गया, 30.01.2023 तक, विभिन्न हाई कोर्ट्स में 1108 न्यायाधीशों की स्वीकृत पदों में 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 333 पद खाली हैं।
समान नागरिक संहिता लागू करने पर फैसला नहीं
केंद्र सरकार ने अभी तक देश में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने पर कोई फैसला नहीं लिया है। यह जानकारी कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने 21वें लॉ कमीशन को समान नागरिक संहिता को लेकर उठे सवालों की जांच का जिम्मा सौंपा था। सरकार ने कमीशन को जांच के बाद अपनी सिफारिशें सौंपने को भी कहा था। 21वें कमीशन का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को खत्म हो गया था। अब उनसे मिली सूचनाएं 22वें कमीशन को सौंपी जा सकती हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से सभी समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार दिए जाएंगे। समान नागरिक संहिता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा।
