अखंड समाचार, नई दिल्ली (ब्यूरो) :
केंद्र और न्यायपालिका के बीच मतभेद बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जजों को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन फिर भी वह जनता की नजर में हैं। उन्होंने कहा कि ‘जनता आपको देख रही है.. जो भी फैसले आप देते हैं, आप काम कैसे करते हैं.. सोशल मीडिया के इस दौर में, आप कुछ भी नहीं छिपा सकते। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जज बनने के बाद, उन्हें चुनाव या जनता की जांच का सामना नहीं करना पड़ता…जनता जजों, उनके फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं, और अपना आकलन करते हैं, उसे जनता देख रही है… कुछ भी छिपा नहीं है।
दिल्ली में एक कार्यक्रम में कानून मंत्री ने कहा कि सीजेआई ने मुझसे कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ प्रतिबंध होने चाहिए। सीजेआई ने हमें जजों पर टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाने को कहा। मैंने उनका सुझाव लिया है और हम इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन जब लोग बड़े पैमाने पर आलोचना कर रहे हैं तो हम क्या कर सकते हैं? बता दें कि कानून मंत्री ने रविवार को उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के विचारों का समर्थन करने की कोशिश की, जिन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान का अपहरण किया है। हालिया समय में उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच गतिरोध बढ़ा है।
