अखंड समाचार, लखनऊ। (ब्यूरो) :
समाजवादी पार्टी नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के दोहे और चौपाई पर आपत्ति जताई है। मौर्य ने कहा कि इन दोहों में धर्म की आड़ में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं का अपमान किया गया है। उन्होंने मांग की है कि इन चौपाइयों को रामचिरतमानस से निकाल देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, हम रामचिरतमानस को एक धार्मिक ग्रंथ नहीं मानते हैं। इसमें जाति और धर्म का अपमान किया गया है। स्वामी प्रसाद यहीं नहीं रुके और आगे उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी हिंदू विरोधी पार्टी है। वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीट जीतने के बीजेपी के लक्ष्य को लेकर कहा कि वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है।
भगवान राम पर टिप्पणी और बिहार के मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। गिरिराज सिंह पटना में कहा कि जैसे भगवत गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है, वैसे ही कुरान मुस्लिमों का पवित्र ग्रंथ है। कुरान को लेकर कोई कुछ नहीं बोलता, क्योंकि सर तन से जुदा कर दिया जाता है। हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ के खिलाफ बोलना आज के समय में फैशन बन गया है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि, तुलसीदास की रामचरितमानस ने ‘सामाजिक भेदभाव और समाज में नफरत फैलाने’ को बढ़ावा दिया है। रामचरितमानस, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने सामाजिक विभाजन पैदा किया।
